शौकत फ़हमी के शेर
इक उम्र तक मैं उस की ज़रूरत बना रहा
फिर यूँ हुआ कि उस की ज़रूरत बदल गई
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
बदला जो वक़्त गहरी रिफ़ाक़त बदल गई
सूरज ढला तो साए की सूरत बदल गई
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
हमारे पास सुनाने को कुछ नहीं 'फ़हमी'
हमें तो ख़्वाब भी देखे हुए ज़माना हुआ
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
ज़रा शादाब होना चाहते हैं
हमें रोने दो रोना चाहते हैं
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
इसी लिए मुझे रस्ते में शाम आई है
मैं अपनी सम्त बड़ी देर से रवाना हुआ
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
शहर की हालत इतनी भी मख़दूश नहीं
देखो मैं ने आज भी जान बचा ली है
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
आख़री बस है और निकलने वाली है
आ जाओ इक सीट बराबर ख़ाली है
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
वो एक शख़्स किसी तौर जो मिरा न हुआ
मिरी बला से किसी का हुआ हुआ न हुआ
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
ध्यान में कोई चेहरा ला कर मर्ज़ी का
आँखें बुन लेती हैं मंज़र मर्ज़ी का
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
धूप घड़े से ले गई सारे पानी को
कव्वा ढूँढता रह गया कंकर मर्ज़ी का
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
कहानी को समेटो जल्द 'फ़हमी'
थके हैं लोग सोना चाहते हैं
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
लोग अब इस तरह डरे हुए हैं
आँख ख़ाली है दिल भरे हुए हैं
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड