तनवीर सिप्रा के शेर
अब तक मिरे आ'साब पे मेहनत है मुसल्लत
अब तक मिरे कानों में मशीनों की सदा है
-
टैग : मज़दूर
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
कितना बोद है मेरे फ़न और पेशे के माबैन
बाहर दानिश-वर हूँ लेकिन मिल में ऑयल-मैन
-
टैग : मज़दूर
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
जो कर रहा है दूसरों के ज़ेहन का इलाज
वो शख़्स ख़ुद बहुत बड़ा ज़ेहनी मरीज़ है
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
आज भी 'सिपरा' उस की ख़ुश्बू मिल मालिक ले जाता है
मैं लोहे की नाफ़ से पैदा जो कस्तूरी करता हूँ
-
टैग : मज़दूर
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
तेरी तो आन बढ़ गई मुझ को नवाज़ कर
लेकिन मिरा वक़ार ये इमदाद खा गई
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
शायद यूँही सिमट सकें घर की ज़रूरतें
'तनवीर' माँ के हाथ में अपनी कमाई दे
-
टैग : माँ
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
आज इतना जलाओ कि पिघल जाए मिरा जिस्म
शायद इसी सूरत ही सुकूँ पाए मिरा जिस्म
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
हम हिज़्ब-ए-इख़्तिलाफ़ में भी मोहतरम हुए
वो इक़्तिदार में हैं मगर बे-विक़ार हैं
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
ऐ रात मुझे माँ की तरह गोद में ले ले
दिन भर की मशक़्क़त से बदन टूट रहा है
मैं अपने बचपने में छू न पाया जिन खिलौनों को
उन्ही के वास्ते अब मेरा बेटा भी मचलता है
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
सब की निगाह में तिरे गोदाम आ गए
अब अपने हाथों माल की तक़्सीम कर न कर
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
कभी अपने वसाएल से न बढ़ कर ख़्वाहिशें पालो
वो पौदा टूट जाता है जो ला-महदूद फलता है
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
'तनवीर' अब तू हल्क़ से भोंपू का काम ले
बहरे हुए हैं कान मशीनों के शोर से
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
मिल मालिक के कुत्ते भी चर्बीले हैं
लेकिन मज़दूरों के चेहरे पीले हैं
-
टैग : मज़दूर
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
औरत को समझता था जो मर्दों का खिलौना
उस शख़्स को दामाद भी वैसा ही मिला है
-
टैग : औरत
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
दिहात के वजूद को क़स्बा निगल गया
क़स्बे का जिस्म शहर की बुनियाद खा गई
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड