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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

अहबाब पर शेर

अहबाब मुझ से क़त-ए-तअल्लुक़ करें 'जिगर'

अब आफ़्ताब-ए-ज़ीस्त लब-ए-बाम गया

जिगर मुरादाबादी

शग़्ल-ए-उल्फ़त को जो अहबाब बुरा कहते हैं

कुछ समझ में नहीं आता कि ये क्या कहते हैं

मीर मेहदी मजरूह

अहबाब को दे रहा हूँ धोका

चेहरे पे ख़ुशी सजा रहा हूँ

क़तील शिफ़ाई

आड़े आया कोई मुश्किल में

मशवरे दे के हट गए अहबाब

जोश मलीहाबादी

ग़म मुसलसल हो तो अहबाब बिछड़ जाते हैं

अब कोई दिल-ए-तन्हा के क़रीं आएगा

सलाम मछली शहरी

हिज्र-ए-जानाँ के अलम में हम फ़रिश्ते बन गए

ध्यान मुद्दत से छुटा आब-ओ-तआ'म-ओ-ख़्वाब का

मुनीर शिकोहाबादी

इस वहम से कि नींद में आए कुछ ख़लल

अहबाब ज़ेर-ए-ख़ाक सुला कर चले गए

जोश मलसियानी

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