बेस्ट नाराज़ शायरी
नज़र आती हैं सू-ए-आसमाँ कभी बिजलियाँ कभी आँधियाँ
कहीं जल न जाए ये आशियाँ कहीं उड़ न जाएँ ये चार पर
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
नज़र आती हैं सू-ए-आसमाँ कभी बिजलियाँ कभी आँधियाँ
कहीं जल न जाए ये आशियाँ कहीं उड़ न जाएँ ये चार पर
Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi
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