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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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Asad Bhopali's Photo'

असद भोपाली

1921 - 1990 | भोपाल, भारत

फ़िल्म गीतकार

फ़िल्म गीतकार

असद भोपाली के शेर

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इतना तो बता जाओ ख़फ़ा होने से पहले

वो क्या करें जो तुम से ख़फ़ा हो नहीं सकते

मौज-ए-हवादिस तुझे मालूम नहीं क्या

हम अहल-ए-मोहब्बत हैं फ़ना हो नहीं सकते

हालात ने किसी से जुदा कर दिया मुझे

अब ज़िंदगी से ज़िंदगी महरूम हो गई

ऐसे इक़रार में इंकार के सौ पहलू हैं

वो तो कहिए कि लबों पे तबस्सुम आए

जब ज़रा रात हुई और मह अंजुम आए

बार-हा दिल ने ये महसूस किया तुम आए

ये आँसू ढूँडता है तेरा दामन

मुसाफ़िर अपनी मंज़िल जानता है

बज़्म अपनी अपना साक़ी शीशा अपना जाम अपना

अगर यही है निज़ाम-ए-हस्ती तो ज़िंदगी को सलाम अपना

अजब अंदाज़ के शाम-ओ-सहर हैं

कोई तस्वीर हो जैसे अधूरी

इश्क़ को जब हुस्न से नज़रें मिलाना गया

ख़ुद-ब-ख़ुद घबरा के क़दमों में ज़माना गया

देखिए अहद-ए-वफ़ा अच्छा नहीं

मरना जीना साथ का हो जाएगा

फ़र्क़ इतना है कि तू पर्दे में और मैं बे-हिजाब

वर्ना मैं अक्स-ए-मुकम्मल हूँ तिरी तस्वीर का

आया ग़म भी मोहब्बत में साज़गार मुझे

वो ख़ुद तड़प गए देखा जो बे-क़रार मुझे

ग़ुंचा गुल माह अंजुम सब के सब बेकार थे

आप क्या आए कि फिर मौसम सुहाना गया

मैं अब तेरे सिवा किस को पुकारूँ

मुक़द्दर सो गया ग़म जागता है

बार-हा ये भी हुआ अंजुमन-ए-नाज़ से हम

सूरत-ए-मौज उठे मिस्ल-ए-तलातुम आए

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