कोमल जोया के शेर
अब किसी और तरफ़ बात घुमाने वाले
मैं समझती हूँ तिरी बात का मतलब समझे
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टैग : बहाना
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सवाल कौन उठाएगा मुंसिफ़ों पे हुज़ूर
बरी हुए सभी मुजरिम गवाह क़ैद में है
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अंधेरे कमरे में रक़्स करती रहेगी वहशत
और एक कोने में पारसाई पड़ी रहेगी
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टैग : वहशत
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मैं ख़ानदान की पाबंदियों से वाक़िफ़ थी
ख़ुदा का शुक्र है उस शख़्स ने वफ़ा नहीं की
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टैग : बेवफ़ाई
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