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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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Komal Joya's Photo'

पाकिस्तान की नई नस्ल की शायरा

पाकिस्तान की नई नस्ल की शायरा

कोमल जोया के शेर

अब किसी और तरफ़ बात घुमाने वाले

मैं समझती हूँ तिरी बात का मतलब समझे

सवाल कौन उठाएगा मुंसिफ़ों पे हुज़ूर

बरी हुए सभी मुजरिम गवाह क़ैद में है

अंधेरे कमरे में रक़्स करती रहेगी वहशत

और एक कोने में पारसाई पड़ी रहेगी

मैं ख़ानदान की पाबंदियों से वाक़िफ़ थी

ख़ुदा का शुक्र है उस शख़्स ने वफ़ा नहीं की

मंसूब चराग़ों से तरफ़-दार हवा के

तुम लोग मुनाफ़िक़ हो मुनाफ़िक़ भी बला के

एक दिन तुझ को आचानक ये ख़बर आएगी

तेरे बीमार शिफ़ा-याब नहीं हो पाए

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