सोशल डिस्टेन्सिंग शायरी
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अकेला हो रह-ए-दुनिया में गिर चाहे बहुत जीना
हुई है फ़ैज़-ए-तन्हाई से उम्र-ए-ख़िज़्र तूलानी
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
अकेला हो रह-ए-दुनिया में गिर चाहे बहुत जीना
हुई है फ़ैज़-ए-तन्हाई से उम्र-ए-ख़िज़्र तूलानी
Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi
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