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आरज़ू लखनवी के शेर
पूछा जो उन से चाँद निकलता है किस तरह
ज़ुल्फ़ों को रुख़ पे डाल के झटका दिया कि यूँ
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किस ने भीगे हुए बालों से ये झटका पानी
झूम के आई घटा टूट के बरसा पानी
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निगाहें इस क़दर क़ातिल कि उफ़ उफ़
अदाएँ इस क़दर प्यारी कि तौबा
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वफ़ा तुम से करेंगे दुख सहेंगे नाज़ उठाएँगे
जिसे आता है दिल देना उसे हर काम आता है
बुरी सरिश्त न बदली जगह बदलने से
चमन में आ के भी काँटा गुलाब हो न सका
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टैग : काँटा
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जो दिल रखते हैं सीने में वो काफ़िर हो नहीं सकते
मोहब्बत दीन होती है वफ़ा ईमान होती है
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भोले बन कर हाल न पूछ बहते हैं अश्क तो बहने दो
जिस से बढ़े बेचैनी दिल की ऐसी तसल्ली रहने दो
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टैग : बेचैनी
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मोहब्बत वहीं तक है सच्ची मोहब्बत
जहाँ तक कोई अहद-ओ-पैमाँ नहीं है
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हद से टकराती है जो शय वो पलटती है ज़रूर
ख़ुद भी रोएँगे ग़रीबों को रुलाने वाले
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ख़मोशी मेरी मअनी-ख़ेज़ थी ऐ आरज़ू कितनी
कि जिस ने जैसा चाहा वैसा अफ़्साना बना डाला
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टैग : ख़ामोशी
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भोली बातों पे तेरी दिल को यक़ीं
पहले आता था अब नहीं आता
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टैग : भरोसा
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अल्लाह अल्लाह हुस्न की ये पर्दा-दारी देखिए
भेद जिस ने खोलना चाहा वो दीवाना हुआ
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टैग : हुस्न
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शौक़ चढ़ती धूप जाता वक़्त घटती छाँव है
बा-वफ़ा जो आज हैं कल बे-वफ़ा हो जाएँगे
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खिलना कहीं छुपा भी है चाहत के फूल का
ली घर में साँस और गली तक महक गई
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दफ़अतन तर्क-ए-तअल्लुक़ में भी रुस्वाई है
उलझे दामन को छुड़ाते नहीं झटका दे कर
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टैग : रुस्वाई
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फिर चाहे तो न आना ओ आन बान वाले
झूटा ही वअ'दा कर ले सच्ची ज़बान वाले
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टैग : वादा
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दिल की ज़िद इस लिए रख ली थी कि आ जाए क़रार
कल ये कुछ और कहेगा मुझे मालूम न था
तेरे तो ढंग हैं यही अपना बना के छोड़ दे
वो भी बुरा है बावला तुझ को जो पा के छोड़ दे
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जिस क़दर नफ़रत बढ़ाई उतनी ही क़ुर्बत बढ़ी
अब जो महफ़िल में नहीं है वो तुम्हारे दिल में है
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कह के ये और कुछ कहा न गया
कि मुझे आप से शिकायत है
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टैग : शिकवा
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वो पलट के जल्द न आएँगे ये अयाँ है तर्ज़-ए-ख़िराम से
कोई गर्दिश ऐसी भी ऐ फ़लक जो बुला दे सुब्ह को शाम से
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मोहब्बत नेक-ओ-बद को सोचने दे ग़ैर-मुमकिन है
बढ़ी जब बे-ख़ुदी फिर कौन डरता है गुनाहों से
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कुछ तो मिल जाए लब-ए-शीरीं से
ज़हर खाने की इजाज़त ही सही
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टैग : लब
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दोस्त ने दिल को तोड़ के नक़्श-ए-वफ़ा मिटा दिया
समझे थे हम जिसे ख़लील काबा उसी ने ढा दिया
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टैग : दोस्त
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अपनी अपनी गर्दिश-ए-रफ़्तार पूरी कर तो लें
दो सितारे फिर किसी दिन एक जा हो जाएँगे
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हाथ से किस ने साग़र पटका मौसम की बे-कैफ़ी पर
इतना बरसा टूट के बादल डूब चला मय-ख़ाना भी
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कुछ कहते कहते इशारों में शर्मा के किसी का रह जाना
वो मेरा समझ कर कुछ का कुछ जो कहना न था सब कह जाना
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टैग : वैलेंटाइन डे
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दो तुंद हवाओं पर बुनियाद है तूफ़ाँ की
या तुम न हसीं होते या में न जवाँ होता
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टैग : वैलेंटाइन डे
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जो कुछ था न कहने का सब कह गया दीवाना
समझो तो मुकम्मल है अब इश्क़ का अफ़्साना
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ख़िज़ाँ का भेस बना कर बहार ने मारा
मुझे दो-रंगी-ए-लैल-ओ-नहार ने मारा
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किस काम की ऐसी सच्चाई जो तोड़ दे उम्मीदें दिल की
थोड़ी सी तसल्ली हो तो गई माना कि वो बोल के झूट गया
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टैग : सच
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मासूम नज़र का भोला-पन ललचा के लुभाना क्या जाने
दिल आप निशाना बनता है वो तीर चलाना क्या जाने
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हर इक शाम कहती है फिर सुब्ह होगी
अँधेरे में सूरज नज़र आ रहा है
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राहबर रहज़न न बन जाए कहीं इस सोच में
चुप खड़ा हूँ भूल कर रस्ते में मंज़िल का पता
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टैग : मंज़िल
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हर नफ़स इक शराब का हो घूँट
ज़िंदगानी हराम है वर्ना
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टैग : ज़िंदगी
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सुकून-ए-दिल नहीं जिस वक़्त से उस बज़्म में आए
ज़रा सी चीज़ घबराहट में क्या जाने कहाँ रख दी
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डाल रहा है काम में मुश्किल
मुश्किल में काम आने वाला
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हर साँस है इक नग़्मा हर नग़्मा है मस्ताना
किस दर्जा दुखे दिल का रंगीन है अफ़्साना
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वाए ग़ुर्बत कि हुए जिस के लिए ख़ाना-ख़राब
सुन के आवाज़ भी घर से न वो बाहर निकला
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हम को इतना भी रिहाई की ख़ुशी में नहीं होश
टूटी ज़ंजीर कि ख़ुद पाँव हमारा टूटा
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जो कान लगा कर सुनते हैं क्या जानें रुमूज़ मोहब्बत के
अब होंट नहीं हिलने पाते और पहरों बातें होती हैं
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नज़र बचा के जो आँसू किए थे मैं ने पाक
ख़बर न थी यही धब्बे बनेंगे दामन के
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टैग : आँसू
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बरसों भटका किया और फिर भी न उन तक पहुँचा
घर तो मालूम था रस्ता मुझे मालूम न था
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ये ज़ोरा-ज़ोरी इश्क़ की थी फ़ितरत ही जिस ने बदल डाली
जलता हुआ दिल हो कर पानी आँसू बन जाना क्या जाने
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ये गुल खिल रहा है वो मुरझा रहा है
असर दो तरह के हवा एक ही है
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मज़ा बरसात का चाहो तो इन आँखों में आ बैठो
स्याही है सफ़ेदी है शफ़क़ है अब्र-ए-बाराँ है
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मुझे रहने को वो मिला है घर कि जो आफ़तों की है रहगुज़र
तुम्हें ख़ाकसारों की क्या ख़बर कभी नीचे उतरे हो बाम से
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जवाब देने के बदले वो शक्ल देखते हैं
ये क्या हुआ मेरे चेहरे को अर्ज़-ए-हाल के बाद
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एक दिल पत्थर बने और एक दिल बन जाए मोम
आख़िर इतना फ़र्क़ क्यूँ तक़्सीम-ए-आब-ओ-गिल में है
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