शब्दों की उलट-फेर पर शेर

तुझे किस बात का ग़म है वो इतना पूछ लें मुझ से

वो इतना पूछ लें मुझ से तो फिर किस बात का ग़म है

मुशताक़ हुसैन ख़ान हाशमी मुश्ताक़

आश्ना बेवफ़ा नहीं होता

बेवफ़ा आश्ना नहीं होता

मीर हसन

दिल साफ़ हो किस तरह कि इंसाफ़ नहीं है

इंसाफ़ हो किस तरह कि दिल साफ़ नहीं है

मिर्ज़ा सलामत अली दबीर

बात भी कीजिए देख भी लीजिए

देख भी लीजिए बात भी कीजिए

अली ज़रयून

अब नहीं मिलेंगे हम कूचा-ए-तमन्ना में

कूचा-ए-तमन्ना में अब नहीं मिलेंगे हम

जौन एलिया

ख़्वाब का क्या है रात के नक़्श-ओ-निगार बनाओ

रात के नक़्श-ओ-निगार बनाओ ख़्वाब का क्या है

दानियाल तरीर

मोहब्बत में शिकायत कर रहा हूँ

शिकायत में मोहब्बत कर रहा हूँ

त्रिपुरारि

ज़िंदगी हम से चाहती क्या है

चाहती क्या है ज़िंदगी हम से

अजमल सिराज

अच्छा अच्छा हो जाएगा सब कुछ अच्छा

अच्छा अच्छा सब कुछ अच्छा हो जाएगा

इमरान शमशाद नरमी

क्या हुए सूरत-निगाराँ ख़्वाब के

ख़्वाब के सूरत-निगाराँ क्या हुए

जौन एलिया

कर बुरा तो भला नहीं होता

कर भला तो बुरा नहीं होता

इब्न-ए-मुफ़्ती

रह गया दिल में इक दर्द सा

दिल में इक दर्द सा रह गया

अजमल सिराज

जो कहा वो नहीं किया उस ने

वो किया जो नहीं कहा उस ने

फ़हमी बदायूनी

मोहब्बत तू मत कर दिल उस बेवफ़ा से

दिल उस बेवफ़ा से मोहब्बत तू मत कर

ताबाँ अब्दुल हई

एक बार फिर सलाम दूर जाने वालों को

दूर जाने वालों को एक बार फिर सलाम

इमरान शमशाद नरमी

नूह बैठे हैं चारपाई पर

चारपाई पे नूह बैठे हैं

नूह नारवी

ठहर गया है दिल का जाना

दिल का जाना ठहर गया है

अजमल सिराज

कौन आता है इस ख़राबे में

इस ख़राबे में कौन आता है

अजमल सिराज

लौटना चाहिए ज़िंदगी की तरफ़

ज़िंदगी की तरफ़ लौटना चाहिए

इमरान शमशाद नरमी

तक़दीर बदल दो मिरी हुर जैसा बना दो

हुर जैसा बना दो मिरी तक़दीर बदल दो

ज़व्वार क़मरी

हम बहकते हुए आते हैं तिरे दरवाज़े

तेरे दरवाज़े बहकते हुए आते हैं हम

अहमद अता

बड़ा आज़ार-ए-जाँ है वो अगरचे मेहरबाँ है वो

अगरचे मेहरबाँ है वो बड़ा आज़ार-ए-जाँ है वो

अनीस अंसारी

भरवा देना मिरे कासे को

मिरे कासे को भरवा देना

हम्माद नियाज़ी

Jashn-e-Rekhta | 2-3-4 December 2022 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate, New Delhi

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