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क़िस्से

उर्दू अदीबों और शायरों के दिलचस्प और मज़ाहिया क़िस्से रेख़्ता पर उर्दू और देवनागरी लिपि में उपलब्ध हैं। इन क़िस्सों से गुज़र कर आप अपने पसंदीदा शायरों और अदीबों की ज़िंदगी के ख़ुशनुमा और पुर-लुत्फ़ पहलुओं से परिचित हो सकेंगे।

1846 -1921

उर्दू में हास्य-व्यंग के सबसे बड़े शायर , इलाहाबाद में सेशन जज थे।

1894 -1959

मशहूर शायर और पत्रकार, अपने समय के लोकप्रिय समाचारपत्र ‘ज़मींदार’ के सम्पादक रहे. ‘ज़िक्र-ए-इक़बाल’ और ‘मुस्लिम सहाफ़त हिंदुस्तान में’ जैसी किताबें यादगार छोड़ीं

1837 -1914

उर्दू आलोचना के संस्थापकों में शामिल/महत्वपूर्ण पूर्वाधुनिक शायर/मिजऱ्ा ग़ालिब की जीवनी ‘यादगार-ए-ग़ालिब लिखने के लिए प्रसिद्ध

1877 -1938

महान उर्दू शायर, पाकिस्तान के राष्ट्र-कवि जिन्होंने 'सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्ताँ हमारा' और 'लब पे आती है दुआ बन के तमन्ना मेरी' जैसे गीतों की रचना की

1911 -1955

अग्रणी एवं प्रख्यात प्रगतिशील शायर, रोमांटिक और क्रांतिकारी नज़्मों के लिए प्रसिद्ध, ऑल इंडिया रेडियो की पत्रिका “आवाज” के पहले संपादक, मशहूर शायर और गीतकार जावेद अख़्तर के मामा

1924 -1977

प्रसिद्ध पाकिस्तानी अफ़साना निगार और पत्रकार. ड्रामे और यात्रावृतांत भी लिखे।

1752 -1817

लखनऊ के सबसे गर्म मिज़ाज शायर। मीर तक़ी मीर के समकालीन। मुसहफ़ी के साथ प्रतिद्वंदिता के लिए मशहूर। 'रेख़्ती' विधा की शायरी भी की और गद्द में रानी केतकी की कहानी लिखी

1914 -1982

20वीं सदी के चौथे और पाँचवे दशकों के सबसे लोकप्रिय शायरों में से एक, फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ के समकालीन।

1919 -2001

सबसे लोकप्रिय शायरों में शामिल/प्रमुख फि़ल्म गीतकार/अपनी गज़ल ‘गर्मी-ए-हसरत-ए-नाकाम से जल जाते है’ के लिए प्रसिद्ध

1910 -1980

प्रसिद्ध हास्य-व्यंग्य लेखक,धाराप्रवाह भाषा एवं सामाजिक असमानताओं पर गहरे व्यंग्य के लिए जाने जाते हैं.

1901 -1993

अपनी साहित्यिक पत्रिका 'तहरीक' के लिए विख्यात।

1904 -1955

शायर एवं पत्रकार, हास्य लेखों के लिए लोकप्रिय

1918 -2004

महत्वपूर्ण उर्दू स्कालर और शायर , पाकिस्तान का पहला राष्ट्रगान लिखा

1748 -1809

अपनी शायरी में महबूब के साथ मामला-बंदी के मज़मून के लिए मशहूर, नौजवानी में नेत्रहीन हो गए

1890 -1960

सबसे प्रमुख पूर्वाधुनिक शायरों में शामिल अत्याधिक लोकप्रियता के लिए विख्यात

1898 -1982

सबसे गर्म मिज़ाज प्रगतिशील शायर जिन्हें शायर-ए-इंकि़लाब (क्रांति-कवि) कहा जाता है

1831 -1905

उर्दू के सबसे लोकप्रिय शायरों में शामिल। शायरी में चुस्ती , शोख़ी और मुहावरों के इस्तेमाल के लिए प्रसिद्ध

1911 -1984

सबसे प्रख्यात एवं प्रसिद्ध शायर। अपने क्रांतिकारी विचारों के कारण कई साल कारावास में रहे

1910 -1973

प्रमुख हास्य कवि एवं हास्य काव्य के आलोचक

1896 -1982

प्रमुख पूर्वाधुनिक शायरों में विख्यात, जिन्होंने आधुनिक उर्दू गज़ल के लिए राह बनाई/अपने गहरे आलोचनात्मक विचारों के लिए विख्यात/भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित

1935

लोकप्रिय आधुनिक शायर, सरल भाषा में शेर कहने के लिए जाने जाते हैं

1908 -1969

महत्वपूर्ण प्रगतिशील शायर। उनकी कुछ ग़ज़लें ' बाज़ार ' और ' गमन ' , जैसी फिल्मों से मशहूर

1935 -2005

पाकिस्तान के अग्रणी हास्य-व्यंग लेखक, अपने कॉलम 'ख़ामा-बगोश' के लिए विख्यात।

1797 -1869

विश्व-साहित्य में उर्दू की सबसे बुलंद आवाज़। सबसे अधिक सुने-सुनाए जाने वाले महान शायर

1914 -1999

पाकिस्तान के लोकप्रिय हास्य-व्यंग शायर

1921 -1980

प्रख्यात प्रगतिशील भारतीय शायर व फ़िल्मी गीतकार/ सामाजिक, आर्थिक व राजनीतिक असमानता के विरुद्ध नज़्मों और गीतों के लिए प्रसिद्ध

1900 -1982

लोकप्रिय रूमानी शायर , मलिका पुखराज ने उनकी नज़्म ' अभी तो मैं जवान हूँ ' , को गा कर प्रसिध्दि दी। पाकिस्तान का राष्ट्रगान लिखा।

1900 -1958

प्रतिष्ठित पत्रकार और शायर

Jashn-e-Rekhta | 8-9-10 December 2023 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate - New Delhi

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