संपूर्ण
परिचय
ग़ज़ल89
नज़्म97
शेर120
ई-पुस्तक12
टॉप 20 शायरी 20
चित्र शायरी 15
ऑडियो 34
वीडियो24
ब्लॉग1
अन्य
मोहम्मद अल्वी के शेर
धूप ने गुज़ारिश की
एक बूँद बारिश की
रोज़ अच्छे नहीं लगते आँसू
ख़ास मौक़ों पे मज़ा देते हैं
-
टैग : आँसू
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
आज फिर मुझ से कहा दरिया ने
क्या इरादा है बहा ले जाऊँ
-
टैग : दरिया
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
अंधेरा है कैसे तिरा ख़त पढ़ूँ
लिफ़ाफ़े में कुछ रौशनी भेज दे
-
टैग : ख़त
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
अब तो चुप-चाप शाम आती है
पहले चिड़ियों के शोर होते थे
सर्दी में दिन सर्द मिला
हर मौसम बेदर्द मिला
कुछ तो इस दिल को सज़ा दी जाए
उस की तस्वीर हटा दी जाए
कभी आँखें किताब में गुम हैं
कभी गुम है किताब आँखों में
-
टैग : किताब
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
अपना घर आने से पहले
इतनी गलियाँ क्यूँ आती हैं
-
टैग : घर
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
माना कि तू ज़हीन भी है ख़ूब-रू भी है
तुझ सा न मैं हुआ तो भला क्या बुरा हुआ
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
अच्छे दिन कब आएँगे
क्या यूँ ही मर जाएँगे
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
आग अपने ही लगा सकते हैं
ग़ैर तो सिर्फ़ हवा देते हैं
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
उस से मिले ज़माना हुआ लेकिन आज भी
दिल से दुआ निकलती है ख़ुश हो जहाँ भी हो
-
टैग : विदाई
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
मैं ख़ुद को मरते हुए देख कर बहुत ख़ुश हूँ
ये डर भी है कि मिरी आँख खुल न जाए कहीं
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
उस से बिछड़ते वक़्त मैं रोया था ख़ूब-सा
ये बात याद आई तो पहरों हँसा किया
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
हाए वो लोग जो देखे भी नहीं
याद आएँ तो रुला देते हैं
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
नज़रों से नापता है समुंदर की वुसअतें
साहिल पे इक शख़्स अकेला खड़ा हुआ
देखा न होगा तू ने मगर इंतिज़ार में
चलते हुए समय को ठहरते हुए भी देख
-
टैग : इंतिज़ार
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
मौत भी दूर बहुत दूर कहीं फिरती है
कौन अब आ के असीरों को रिहाई देगा
-
टैग : मौत
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
देखा तो सब के सर पे गुनाहों का बोझ था
ख़ुश थे तमाम नेकियाँ दरिया में डाल कर
-
टैग : गुनाह
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
मैं उस के बदन की मुक़द्दस किताब
निहायत अक़ीदत से पढ़ता रहा
अब न 'ग़ालिब' से शिकायत है न शिकवा 'मीर' का
बन गया मैं भी निशाना रेख़्ता के तीर का
-
टैग : रेख़्ता
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
कमरे में मज़े की रौशनी हो
अच्छी सी कोई किताब देखूँ
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
रखते हो अगर आँख तो बाहर से न देखो
देखो मुझे अंदर से बहुत टूट चुका हूँ
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
नया साल दीवार पर टाँग दे
पुराने बरस का कैलेंडर गिरा
-
टैग : नया साल
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
वो जंगलों में दरख़्तों पे कूदते फिरना
बुरा बहुत था मगर आज से तो बेहतर था
छोड़ गया मुझ को 'अल्वी'
शायद वो जल्दी में था
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
उन दिनों घर से अजब रिश्ता था
सारे दरवाज़े गले लगते थे
अभी दो चार ही बूँदें गिरीं हैं
मगर मौसम नशीला हो गया है
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
घर में क्या आया कि मुझ को
दीवारों ने घेर लिया है
-
टैग : घर
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
ग़म बहुत दिन मुफ़्त की खाता रहा
अब उसे दिल से निकाला चाहिए
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
और बाज़ार से क्या ले जाऊँ
पहली बारिश का मज़ा ले जाऊँ
-
टैग : बारिश
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
इक लड़का था इक लड़की थी
आगे अल्लाह की मर्ज़ी थी
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
रात पड़े घर जाना है
सुब्ह तलक मर जाना है
-
टैग : घर
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
थोड़ी सर्दी ज़रा सा नज़ला है
शायरी का मिज़ाज पतला है
-
टैग : सर्दी
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
चला जाऊँगा जैसे ख़ुद को तन्हा छोड़ कर 'अल्वी'
मैं अपने आप को रातों में उठ कर देख लेता हूँ
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
अरे ये दिल और इतना ख़ाली
कोई मुसीबत ही पाल रखिए
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
रात मिली तन्हाई मिली और जाम मिला
घर से निकले तो क्या क्या आराम मिला
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
ऐसा हंगामा न था जंगल में
शहर में आए तो डर लगता था
-
टैग : शहर
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
खिड़कियों से झाँकती है रौशनी
बत्तियाँ जलती हैं घर घर रात में
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
आँखें खोलो ख़्वाब समेटो जागो भी
'अल्वी' प्यारे देखो साला दिन निकला
गाड़ी आती है लेकिन आती ही नहीं
रेल की पटरी देख के थक जाता हूँ मैं
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
हर वक़्त खिलते फूल की जानिब तका न कर
मुरझा के पत्तियों को बिखरते हुए भी देख
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
बुला रहा था कोई चीख़ चीख़ कर मुझ को
कुएँ में झाँक के देखा तो मैं ही अंदर था
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
मौत न आई तो 'अल्वी'
छुट्टी में घर जाएँगे
-
टैग : मौत
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
तारीफ़ सुन के दोस्त से 'अल्वी' तू ख़ुश न हो
उस को तिरी बुराइयाँ करते हुए भी देख
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
परिंदे दूर फ़ज़ाओं में खो गए 'अल्वी'
उजाड़ उजाड़ दरख़्तों पे आशियाने थे
-
टैग : परिंदा
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
आसमान पर जा पहुँचूँ
अल्लाह तेरा नाम लिखूँ
दरवाज़े पर पहरा देने
तन्हाई का भूत खड़ा है
-
टैग : तन्हाई
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
बिछड़ते वक़्त ऐसा भी हुआ है
किसी की सिसकियाँ अच्छी लगी हैं
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड